कंधमाल (मृत्युंजय दिग्गल) -: जबकि हमारा राज्य ओडिशा देश में आपदा प्रबंधन में सबसे आगे है, सरकार का लक्ष्य अब यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी लोग ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली विभिन्न आपदाओं का उचित ढंग से सामना और प्रबंधन कर सकें। इसके लिए सरकारी और निजी हर स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस संदर्भ में आज, स्वैच्छिक संगठन स्वाति, कंधमाल आपदा प्रबंधन एवं प्रतिक्रिया विभाग तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के सहयोग से टीम कमांडर विनोद कुमार मीना की अध्यक्षता में, कटक के मुंडुली में ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन फूलबनी ब्लॉक कनीबाली में किया गया।

प्रशिक्षण शिविर में ग्रामीणों को विभिन्न आपदाओं जैसे डूबने, बिजली गिरने, भूकंप, सांप के काटने तथा किसी छोटे बच्चे या बुजुर्ग व्यक्ति के गले में कुछ फंस जाने पर खुद को बचाने के लिए विभिन्न तकनीकें सिखाई गईं। कार्यशाला में संस्था के वरिष्ठ कर्मचारी विश्वरंजन कर भी उपस्थित थे तथा उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विभिन्न खतरों को समझाने का प्रयास किया कि किस प्रकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्थानीय स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं तथा ग्राम स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग आपदाओं से निपटने के लिए किया जा सकता है।

स्वाति संस्थान के संपादक हरिशंकर राउत की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में आपदा मोचन बल के प्रमुख नेताओं आदिदास त्रिपाठी, मनोरंजन मिश्रा, कृष्णा धानका, मिक्रम साहू और मुकेश राघव ने ग्रामीणों के समक्ष विभिन्न कौशलों का प्रदर्शन और व्याख्या की। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनता को छोटे-छोटे कौशल सिखाकर खतरे के समय में बहुमूल्य जीवन बचाना है। प्रशिक्षण के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि चंद्रबती मुखी के साथ 100 से अधिक पुरुष और महिलाएं शामिल हुईं, जबकि मां गृह कतरिंगिया की ओर से सस्मिता बेहरा और गीतांजलि मुखी ने प्रबंधन में सहयोग किया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित मातृत्व गृह देखभाल सेवा पर चर्चा की गई तथा विधिक प्रसव सुनिश्चित करने के लिए दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी गई।