झारसुगुड़ा -: पूर्व मंत्री नबा दास की हत्या मामले की जांच डायरी एक बार फिर खुल गई है। पहले विजिलेंस टीम ने नबा दास के परिवार के सदस्यों को बुलाकर इस बहुचर्चित हत्या कांड में गहराई से पूछताछ की थी, वहीं अब आयकर विभाग ने नबा दास के बेटे विशाल दास को अपनी हिरासत में ले लिया है। आयकर विभाग की टीम विशाल से लगातार पूछताछ कर रही है।
आयकर विभाग की एक विशेष टीम विशाल को विमान से दूर कोलकाता से उठाकर लाई है। भुवनेश्वर आयकर भवन में सुबह से शाम तक पूछताछ के बाद उसे और जांच के लिए झारसुगुड़ा लाया गया है। पिछले तीन दिनों से आयकर विभाग इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है।
स्वर्गीय नबा दास की विभिन्न संपत्तियों पर छापेमारी जारी है। एक ओर जहां आयकर विभाग राज्य के अलग-अलग स्थानों पर विशाल की तलाश कर रहा था, लेकिन उसे पहले कोई सुराग नहीं मिला। अब पूर्व मंत्री नबा दास की विभिन्न संपत्तियों पर छापेमारी चल रही है।
दिल्ली, झारसुगुड़ा, संबलपुर और सुंदरगढ़ स्थित संपत्तियों में आयकर विभाग ने छानबीन शुरू की है। झारसुगुड़ा स्थित आवास पर पिछले दो दिनों से लगातार IT रेड चल रही है। इस छापेमारी में आयकर विभाग के 10 अधिकारी शामिल हैं। संबलपुर में भी दूसरे दिन रेड जारी रही।
संबलपुर के विभिन्न स्थानों में स्थित नबा दास की संपत्तियों पर भी स्वतंत्र टीम जांच कर रही है। आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में यह रेड की जा रही है, यह जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से मिली है।
संबलपुर के मोड़िपाड़ा स्थित पुराने आवास, होटल मांडारिन और भालुपाली स्थित एक बार में आयकर विभाग ने अलग-अलग छापेमारी की है। गुरुवार सुबह 5 बजे से यह रेड शुरू हुई और अब तक जारी है। सुंदरगढ़ में सहयोगियों के घरों पर भी छापे पड़ रहे हैं।
कोयला ट्रांसपोर्ट में कर चोरी को लेकर जांच हो रही है। नबा दास के कारोबारी सहयोगी संजय नंद के ट्रांसपोर्ट ऑफिस में भी छापेमारी चल रही है। मिशन रोड स्थित उनके कार्यालय पर भी आयकर विभाग का छापा पड़ा है। कोयला ट्रांसपोर्ट से जुड़े दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
कुछ महीने पहले ही संजय के ऑफिस पर रेड हुई थी, और अब अचानक फिर से रेड होने से कई सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि नबा दास के बेटे की बेनामी कंपनियों से संजय की कई कारोबारी गतिविधियां जुड़ी हैं। जल्दी ही इन सबका पर्दाफाश होगा और स्वर्गीय नबा दास के असली रहस्यों का खुलासा होगा।
क्योंकि इस समय आयकर विभाग के कब्जे में नबा दास का बेटा विशाल दास है, उससे पूछताछ के जरिए कई अहम जानकारियाँ सामने आने की उम्मीद है।
सबसे अहम बात यह है कि झारसुगुड़ा की इस बहुचर्चित और रौंगटे खड़े कर देने वाली हत्या का असली मास्टरमाइंड कौन है? असली हत्यारा कौन है और क्यों हुई यह हत्या? इन तमाम पहलुओं पर विशाल से सवाल किए जा रहे हैं।
हालांकि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि असली मास्टरमाइंड को जानते हुए भी पुलिस जानबूझकर नबा दास के परिवार को परेशान कर रही है। लेकिन एक कहावत है—”चोर का घर हमेशा अंधेरे में नहीं रहता।”
कभी न कभी इस हत्या के असली मास्टरमाइंड का पर्दाफाश जरूर होगा। और जिस दिन होगा, उस दिन उसे गले में कालर पकड़कर सरेआम घसीटते हुए पुलिस हिरासत में ले जाया जाएगा—ऐसी चर्चाएँ तेज हो गई हैं।
क्योंकि हर युग में धर्म की विजय हुई है, और आगे भी होगी। और असली मास्टरमाइंड और हत्यारा कौन है, यह समय बताएगा—यह आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।