हकदारों के चयन में अनियमितता, योग्य लाभार्थियों को सूची से हटाया गया

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तिगिरिया -: तिगिरिया ब्लॉक के अंतर्गत गदाधरपुर पंचायत के कलीबिरी गांव में कई योग्य लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची से बाहर कर दिया गया है। वहीं, कई अयोग्य लोगों के नाम सूची में शामिल होने से स्थानीय लोगों में तीव्र असंतोष फैल गया है। बताया जा रहा है कि ब्लॉक की कई पंचायतों में ऐसा ही मामला सामने आया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ लाभार्थियों ने बीडीओ (ब्लॉक विकास अधिकारी) से शिकायत भी की है। केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य गरीब और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराना है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

कलीबिरी गांव के शिव पृष्टि का मामला:
कलीबिरी गांव के नुआ साही निवासी शिव पृष्टि, जो कि एक दैनिक मजदूर हैं, अपने चार सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करते हैं। वह अपनी पत्नी मंझुलता पृष्टि, कक्षा 1 में पढ़ने वाले बड़े बेटे प्रेमानंद पृष्टि और कक्षा 7 में पढ़ने वाले छोटे बेटे रसानंद पृष्टि के साथ एक टूटे-फूटे एस्बेस्टस वाले झोपड़ीनुमा घर में रहते हैं। मामूली बारिश में उनके घर में घुटनों तक पानी भर जाता है। आर्थिक तंगी और हाल की एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें इलाज के लिए लाखों रुपये कर्ज लेना पड़ा। ऐसे में उनका खुद से पक्का घर बनाना असंभव है। मंझुलता ने बताया कि वे कई बार घर के लिए आवेदन दे चुके हैं, लेकिन उनके नाम को सूची में शामिल नहीं किया गया।

दूसरा मामला: मानसिक रूप से असंतुलित और विकलांग महिला:
इसी गांव के साना साही की एक 65 वर्षीय अविवाहित महिला सुषमा साहू, जो मानसिक रूप से असंतुलित हैं और 90 प्रतिशत शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र रखती हैं, का नाम भी सूची में नहीं है। सुषमा, जिनका खुद का कोई घर नहीं है, अपने भाई के घर में रह रही हैं। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक पक्के छत के घर का सपना देख रही थीं। सर्वे टीम द्वारा जानकारी लेने के बावजूद उनका नाम सूची में नहीं जोड़ा गया, जिससे उनमें गहरा असंतोष है।

और भी कई मामले:
कलीबिरी गांव के अन्य कई योग्य लाभार्थियों का नाम भी सूची में नहीं आने से असंतोष फैल रहा है। जानकारी के अनुसार, ब्लॉक की सभी पंचायतों में लाभार्थियों की पहचान हेतु टीम गठित की गई थी। इस टीम ने मार्च महीने से विभिन्न लाभार्थियों से जानकारी इकट्ठा कर उनकी सिफारिश की थी, जो 31 मई तक चली। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर जून के पहले सप्ताह में योग्य लाभार्थियों की सूची प्रकाशित की गई थी।

जनता की मांग:
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द पुनः सर्वे करवाकर सभी योग्य लाभार्थियों को सूची में शामिल करे और अयोग्य लाभार्थियों के नाम हटाए जाएं।

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