तिगिरिया -: जीवन जीने के लिए आवश्यक तीन मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है घर। हर व्यक्ति के मन में यह सपना होता है कि उसके सिर पर एक पक्का मकान की छत हो। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा भी प्राथमिकता के आधार पर प्रत्येक पात्र लाभार्थी को पक्का मकान देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके लिए हर वर्ष केंद्र और राज्य सरकारों के कोष से हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन कई मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप या स्थानीय प्रशासन की अक्षमता के कारण कई पात्र लाभार्थी इन सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं।

इसका एक उदाहरण है तिगिरिया ब्लॉक के भिरुड़ा पंचायत के भिरुड़ा तलगड़ा गांव की निवासी बुद्धिमति बारिक (36)। जन्म से ही सुन नहीं सकने वाली और ठीक से बोल नहीं पाने वाली बुद्धिमति 100 प्रतिशत शारीरिक विकलांग हैं। विकलांगता के कारण उन्होंने विवाह भी नहीं किया और अपने भरण-पोषण के लिए पूरी तरह से परिवार पर निर्भर हैं। उनके पिता लिंगराज बारिक पहले पारंपरिक काम कर परिवार का पालन-पोषण करते थे, लेकिन अब उम्र अधिक होने के कारण वे काम करने में असमर्थ हो चुके हैं। वर्तमान में परिवार की जिम्मेदारी बुद्धिमति के दो भाइयों पर है।
आर्थिक तंगी के कारण लंबे समय से उनके कच्चे छप्पर वाले घर की हालत काफी खराब हो चुकी है। बुद्धिमति अपने पिता के साथ उसी घर में रह रही थीं, लेकिन अब वह घर टूटने की स्थिति में है। इसलिए अब वे अपने भाई के पास शरण लेकर रह रही हैं। ऐसी परिस्थिति में उन्होंने अंत्योदय योजना के अंतर्गत पक्का मकान पाने की आशा में आवेदन किया था।
लेकिन इस वर्ष जब स्थानीय ब्लॉक कार्यालय की ओर से विभिन्न पंचायतों के पात्र लाभार्थियों की दूसरी सूची जारी की गई, तो उसमें उनका नाम नहीं था। यह देख कर बुद्धिमति बहुत निराश हो गईं। उनके पंचायत या ब्लॉक के अन्य पंचायतों में कई अपात्र लोगों के नाम सूची में शामिल हैं, लेकिन एक योग्य लाभार्थी होने के बावजूद बुद्धिमति का नाम किस आधार पर सूची से बाहर कर दिया गया – यह अब एक सवाल खड़ा कर रहा है।
इससे पहले भी बुद्धिमति ने स्थानीय BDO (ब्लॉक विकास अधिकारी) के पास जाकर इस योजना में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। इससे वे और अधिक निराश हो गई हैं। वे पूछ रही हैं कि यदि उनके जैसे योग्य लाभार्थी इस योजना से वंचित हो रहे हैं, तो यह योजना आखिर किसके लिए है?
इसलिए आम जनता की ओर से मांग की जा रही है कि स्थानीय प्रशासन तत्काल जांच करे और बुद्धिमति का नाम इस योजना में जल्द से जल्द शामिल किया जाए।